गुरुवार, 11 मार्च 2010

साहिबे-कुरआन मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का संक्षिप्त जीवन परिचय भाग-4 Short Story Of Allah's Messanger

पिछ्ले  भाग-1,   भाग-२,   और   भाग-3   से जारी.........

आपकी बीवियां (मुसलमानों की माएं)

1.    हज़रत खदीजा  :-    इनका पहला निकाह "अतीक" से हुआ, इनसे तीन लडके पैदा हुये । उनके देहान्त के
                                        बाद अबू "हाला" से । इनके बाद जुबैर बिन मुतईम के बेटे से तीसरा निकाह होना तय था, लेकिन बात नहीं बनी और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से तीसरा निकाह किया । चचा अबू तालिब ने निकाह पढा । 20  ऊंट महर (निकाह के वक्त औरत या पत्नी को दी जाने वाली राशि या जो आपकी हैसियत में हो) के मुकर्र्रर हुये । निकाह से समय आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आयु 25  वर्ष और खदीजा की उम्र 40  वर्ष थी । 65  वर्षे की उम्र में 10  नबुव्वत में इन्तिकाल हुआ । इनको दफ़न करने के लिये आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम स्वंय कब्र में उतरे । उस समय तक जनाज़ा की नमाज़ नहीं थी । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

2.  हज़रत सौदा  :-     इनका पहला निकाह "सकरान" से हुआ । नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने 50  वर्ष की उम्र में खदीजा के इन्तिकाल के बाद इन  50  वर्षीय महिला से निकाह किया । इनके पिता हज़रत ज़मआ ने स्वंय निकाह पढा और 400  दिरहम महर के मुकर्र्रर किये । 72  वर्ष की उम्र में मदीन में दुसरे खलीफ़ा के ज़माने में इन्तिकाल हुआ । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

3.  हज़रत आइशा  :-      यही बीवी कुंवारी थी । नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने 10  शव्वाल को निकाह किया और एक वर्ष बाद 10  शव्वाल एक हि० को रुखसती अमल में आयी । केवल यही एक बीवी हैं जिनकी इस्लामी खून से पैदाइश हुयी । रुख्सती के वक्त इनकी उम्र 11  वर्ष (एक रिवायत के अनुसार 9  वर्ष) और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इन्तिकाल के वक्त इनकी उम्र 54  वर्ष थी । आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इन्तिकाल के वक्त इनकी उम्र 18  साल थी । लग-भग 50  वर्ष बेवा की हैसियत से रहीं । 57  हिजरी में देहान्त हुआ । इनके पांच भाई और एक बहन अस्मा नाम की थीं । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

(हज़रत आइशा की उम्र को लेकर बहुत विवाद है । कुछ लोग कहते है कि विदाई की वक्त उम्र 11 वर्ष थी, कहीं 9 वर्ष, कहीं 17 वर्ष तक लिखा है । इस मसले को को साफ़ करने के लिये एक पुरे लेख की ज़रुरत है जो बहुत जल्द सारी हदीसों की रोशनी में इस्लाम और कुरआन पर प्रकाशित होगा ।)

4. हज़रत हफ़्सा  :-    हज़रत उमर की बेटी हैं । पहला निकाह खुनैस बिन हुज़ाफ़ा रज़ि० से हुआ था, उहुद में घायल हो कर मदीना में वफ़ात पाई । इनके बाद आपसे निकाह हुआ । इनके भाई अब्दुल्लाह बिन उमर, वालिदा ज़ैनब, और मांमू उस्मान बिन मज़ऊंन सब मुसलमान हैं । 23  वर्ष की उम्र में निकाह हुआ, 8  वर्ष नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से करीब रहीं । लग-भग 30  वर्ष विधवा रह कर 41  हिजरी में 60  वर्ष की उम्र में इन्तिकाल हुआ । इनसे कुल 60  हदीसे रिवायत है । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

5.  हज़रत ज़ैनब बिन्त खुज़ैमा :-
     इनका पहला निकाह "तुफ़ैल" से, फ़िर "उबैदा" से हुआ । फ़िर तीसरा निकाह "अब्दुल्लाह" बिन जहश से हुआ । पहले दोनों शौहर नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चचा ज़ात भाई हैं और ये तीसरे आपके साले हैं, इस लिये कि हज़रत ज़ैनब बिन्त जहश के भाई हैं । नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से 3  हि० में निकाह हुआ । 3  माह आपके निकाह में रहकर 30  हिजरी में, 30  वर्ष की उम्र में इन्तिकाल किया । आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्र 55  वर्ष थी । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

6.  हज़रत उम्मे सल्मा :-     इनका निकाह "अबू सलमा" से हुआ था । बद्र में शहाद्त के बाद 4  हिजरी में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के निकाह में आयीं । निकाह के वक्त उम्र 26  की थी । सात वर्ष आपकी सेवा में रह कर 60  हिजरी में वफ़ात पाई । आपके छह भाई और तीन बहने थीं और सभी इस्लाम पर मरे । ह्ज़रत उम्मे सलमा से 378  हदीसें रिवायत हैं । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

7.  हज़रत ज़ैनब बिन्त जहश  :-     इनका पहला निकाह ज़ैद बिन हारिसा से हुआ था (यह वही ज़ैद आपके गुलाम हैं जिनको इस बात का शर्फ़ हासिल है कि कयामत तक के लिये इनका सूरः अहज़ाब में दर्ज़ है । यह शर्फ़ किसी और सहाबी को हासिल नही हैं ।) इन्होनें तलाक दे दी तब आप ने निकाह किया । यह आपकी फ़ुफ़ी ज़ात बहन हैं । 5  हिजरी में निकाह के समय इनकी आयु 36  वर्ष और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आयु 47  वर्ष थी । 41  वर्ष की आयु मे 20  हिजरी में देहान्त हुआ और मदीना में दफ़न की गयीं । इनके तीन भाई और तीन बहनें थीं । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

8.  हज़रत जुवैरिय्या :-     इनका पहला निकाह मुसाफ़ेह बिन सफ़्वान से हुआ था । 5  हिजरी में मुरैसीअ की जंग में बन्दी बनाकर लायी गयीं । यह कौम के बहुत बडे सरदार की बेटी थीं । यह साबित बिन कैस रज़ि० के हिस्से में आयी थीं । आपने किताबत का माल अदा करके इनको आज़ाद कर दिया फ़िर अपने हरम में ले लिया । निकाह के समय इनकी उम्र 26  वर्ष और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की 47  वर्ष थी । 71  वर्ष की उम्र में 56  हि० मे इन्तिकाल किया । लगभग आधी सदी विधवा रहीं । इनके एक भाई अब्दुल्लाह थे वह भी उसी समय इस्लाम ले आये । (रज़ियल्लाहु अन्हा)

9.  हज़रत उम्मे हबीबा  :-     यह हज़रत अबू सुफ़ियान की बेटी हैं । इनका पहला निकाह नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बीवी हज़रत ज़ैनब के भाई उबैदुल्लाह बिन जहण से हुआ था इससे एक लडकी हबीबा नाम की पैदा हुयी । (यह आपका साल हुआ) इस्लाम लाकर बीवी के साथ हब्शा हिजरत कर गया । बडा शराबी था । आखिर इस्लाम से मुर्तद हो गया । नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इन्हे शादी का पैगाम भेजा । बादशाह नजाशी ने खुद निकाह की मजलिस बुलाई और खुद ही निकाह का खुत्बा (स्पीच) पढा और बाद में सबकी दावत की । यजीद बिन अबू सुफ़्यान इनके सगे भाई है । हज़रत मुआविया दूसरी मां से भाई है । इन्ही के बारे में मशहुर वाकया है कि अपने बाप अबू सुफ़यान को कुफ़्र की हालत में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बिस्तर पर बैठने से मना कर दिया था । 36  साल की उम्र में 6  हिजरी में निकाह हुआ । 6  वर्ष आपकी सेवा में रह कर 72  वर्ष की उम्र में 44  हि० में इन्तिकाल किया (रज़ियल्लाहु अन्हा)

10.  हज़रत सफ़िय्या  :- 
   इनके वालिद का नाम हय्यि और मां का बर्रा था । पहला निकाह "सलाम" से और दुसरा "कनाना बिन हुकैक" से हुआ । खैबर की जंग में मारा गया और यह बन्दी बना ली गयीं । आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने आज़ाद करके निकाह कर लिया । इनका इन्तिकाल रमज़ान 5  हि० में 50  वर्ष की उम्र में हुआ । आपकी खिदमत में लगभग चार वर्ष रहीं (रज़ियल्लाहु अन्हा)

11.  हज़रत मैमूना  :-    यह हारिस की बेटी हैं । इनका पहला निकाह हुवैतब से, फ़िर दूसरा "अबू रहम" से हुआ । जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उम्रा किया उस समय विधवा थीं । अपने चचा हज़रत अब्बास के मशवरे पर निकाह कर लिया । निकाह के समय इनकी उम्र 36  वर्ष और आपकी 60  वर्ष थी । लगभग 4  वर्ष आपके साथ रही, 80  वर्ष की उम्र में 41  हि० में वफ़ात पाई । इनकी 8  बहनें थीं |  4  हकीकी (सगी) और 4  दूसरे महल से (सौतेली) । इनसे कुल 76  हदीसे मर्वी हैं (रज़ियल्लाहु अन्हा)

क्रमश: अगले भाग में जारी



अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!


"इस्लाम और कुरआन"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!

3 टिप्‍पणियां:

  1. काशिफ बाबू,


    कमर कस लीजिये कि अब इस हफ़्ते या अगले हफ़्ते ब्लॉग जगत में कुछ ऐसा करने जा रहा हूँ जो पहले कभी नहीं हुआ... कभी नहीं

    जवाब देंहटाएं
  2. please check this statement "रुख्सती के वक्त इनकी उम्र 11 वर्ष (एक रिवायत के अनुसार 9 वर्ष) और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इन्तिकाल के वक्त इनकी उम्र 54 वर्ष थी ।"

    जवाब देंहटाएं
  3. मुहतरम मुहब्बी भाई,
    अस्सलाम अल्लैकुम व्राह्मतुल्लाह वबराकाताहू !
    मैं भी हमारी अंजुमन का एक अदना सा मेंबर हूँ.हाँ कुछ सबब हैं जिसके बायस मैं वहाँ फिलवक कुछ ताऊन दे पाने में क़ासिर हूँ. हाँ कमेन्ट करने की हत्तल इमकान कोशां रहता हूँ.

    अंजुमन में ब्लॉग लिंक देने का रिवाज नहीं है.अच्छी बात है.
    लेकिन बिरादरान !! आप लोग अपने ब्लॉग पर तो 'दीन-दुन्या' का लिंक बसद शौक़ दे सकते हैं.मैंने जितने लिंक मिल सके हैं देने की कोशिश की है.और हाँ कभी फुर्सत मिले तो वहाँ घूम भी आया करें, क्या ज़हमत होगी !! और वक़्त रहा तो चंद अलफ़ाज़ नवाज़ आयें, मैं फ़र्त -ए -मुसर्रत से झूम जाऊं !

    उम्मीद की इस अदने सी गुज़ारिश को नज़र अंदाज़ नहीं किया जाएगा !

    वस्सलाम

    जवाब देंहटाएं

आपको लेख कैसा लगा:- जानकारी पूरी थी या अधुरी?? पढकर अच्छा लगा या मन आहत हो गया?? आपकी टिप्पणी का इन्तिज़ार है....इससे आपके विचार दुसरों तक पहुंचते है तथा मेरा हौसला बढता है....

अगर दिल में कोई सवाल है तो पुछ लीजिये....

Related Posts with Thumbnails