शनिवार, 16 अक्टूबर 2010
कुरआन का हिन्दी अनुवाद (तर्जुमा) एम.पी.थ्री. में Download Quran Hindi Translation in .MP3 Format Playlist Friendly
आज से लगभग 14 महीने पहले मैनें आप लोगों को एक तोह्फ़ा दिया था। मैनें कुरआन का हिन्दी अनुवाद (तर्जुमा) एम.पी.थ्री. फ़ोर्मेट में आपके सबके सामने पेश किया था । उस अनुवाद की .mp3 फ़ाइल्स में एक परेशानी थी की उनकी Playlist अपने आप नहीं बनती थी उसको बनाने के लिये काफ़ी मेहनत करनी पडती थी और सबसे ज़्यादा परेशानी मोबाइल में इस्तेमाल करने में आती थी। अलग-अलग फ़ोल्डर से फ़ाइल्स को सलेक्ट करना होता था और फ़िर उसकी playlist बनती थी। इससे काफ़ी झुंझलाहट होती थी।
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शनिवार, 9 अक्टूबर 2010
क्या हम किसी के कौल को अल्लाह और रसूल के कौल पर अहमियत दे सकते है? इस्लामी अकीदे से जुडें कुछ सवाल अन्तिम भाग Islam, Muslim, Muhammad, Allah, Quran, Messenger,
पिछ्ले भाग - 1, भाग - 2, भाग - 3, भाग - 4, भाग - 5, से जारी....
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सवाल :- क्या हम सिर्फ़ कुरआन को लेकर हदीस से बेपरवाह हो सकते है?
जवाब :- हम हदीस से बेपरवाह नहीं हो सकते।
कुरआन से दलील :- हमने तुम्हारी तरफ़ ज़िक्र यानी कुरआन नाज़िल किया ताकि लोगों से उस चीज़ को खोल खोल कर ब्यान कर दो जो उनकी तरफ़ नाज़िल किया गया है। (सूरह नहल सू. 16 : आ. 44)
हदीस से दलील :- खबरदार! मैं कुरआन दिया गया हूं और उसके साथ उस जैसी चीज़ (हदीस) दिया गया हूं। (अबूदाऊद)
46
सवाल :- क्या हम किसी के कौल को अल्लाह और उसके रसूल के कौल पर अहमियत दे सकते हैं?
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सवाल :- क्या हम सिर्फ़ कुरआन को लेकर हदीस से बेपरवाह हो सकते है?
जवाब :- हम हदीस से बेपरवाह नहीं हो सकते।
कुरआन से दलील :- हमने तुम्हारी तरफ़ ज़िक्र यानी कुरआन नाज़िल किया ताकि लोगों से उस चीज़ को खोल खोल कर ब्यान कर दो जो उनकी तरफ़ नाज़िल किया गया है। (सूरह नहल सू. 16 : आ. 44)
हदीस से दलील :- खबरदार! मैं कुरआन दिया गया हूं और उसके साथ उस जैसी चीज़ (हदीस) दिया गया हूं। (अबूदाऊद)
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सवाल :- क्या हम किसी के कौल को अल्लाह और उसके रसूल के कौल पर अहमियत दे सकते हैं?
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शुक्रवार, 24 सितंबर 2010
रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम किस लिये आये थे? इस्लामी अकीदे से जुडें कुछ सवाल भाग - 5 Islaam, Muslim, Holy Quran, Messenger, Mohammad, Ahmed,
पिछ्ले भाग - 1, भाग - 2, भाग - 3, भाग - 4, से जारी....
सवाल :- रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम किस चीज़ के वास्ते आये थे?
जवाब :- रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम तब्लीग यानी बन्दों तक अल्लाह
का हुक्म पंहुचाने के वास्ते आये थे।
कुरआन से दलील :- तुम पर तुम्हारे रब की तरफ़ से जो कुछ उतारा गया है उसको
पहुंचा दो। (सूरह मायदा सू. 5 : आ. 67)
35
सवाल :- रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम किस चीज़ के वास्ते आये थे?
जवाब :- रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम तब्लीग यानी बन्दों तक अल्लाह
का हुक्म पंहुचाने के वास्ते आये थे।
कुरआन से दलील :- तुम पर तुम्हारे रब की तरफ़ से जो कुछ उतारा गया है उसको
पहुंचा दो। (सूरह मायदा सू. 5 : आ. 67)
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रविवार, 12 सितंबर 2010
क्या हम शिफ़ा हासिल करने की खातिर तावीज़, घोंघा, काला धागा वगैरह लटका सकते है? इस्लामी अकीदे से जुडें कुछ सवाल भाग - 4 Islam, Muslim, Belief, Shirk, Black Thread, Quran, Hadees
पिछ्ले भाग - 1, भाग - 2, भाग - 3 से जारी....
25
सवाल :- जादु का क्या हुक्म है?
जवाब :- जादु कुफ़्र है।
कुरआन से दलील :- लेकिन शैतानों ने कुफ़्र किया क्यौंकि वह लोगों को जादु सिखाते थे।
(सूरह बकर सू. 2 : आ. 102)
हदीस से दलील :- सात हलाक करने वाली चीज़ों से बचो अल्लाह के साथ शिर्क करना और जादु वगैरह।
(मुस्लिम)
26
सवाल :- क्या हम जादूगर और ज्योतिषी की बातें मान सकते हैं?
जवाब :- इल्म गैंब (छुपी हुई चीज़ों) के बारे में हम उनकी बात नहीं मान सकते।
कुरआन से दलील :- कह दीजिये ज़मीन व आसमान में जो भी हैं वह गैंब नही जानते मगर अल्लाह तआला।
(सूरह नमल सू. 27 : आ. 56)
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