शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

क्या मुर्द्र हमारी पुकार और दुआऐं सुनते हैं? इस्लामी अकीदे से जुडें कुछ सवाल भाग - 3 Islam, Belief, Muslim, Allah, Namaz, Quran, Messenger,



पिछ्ले  भाग - 1, भाग - 2  से जारी....




                           15

सवाल :- गैर अल्लाह जैसे औलिया वगैरह को पुकारना कैसा है?

जवाब :- गैर अल्लाह को पुकारना शिर्क अकबर है और ऐसा शख्स जहन्नम में दाखिल किया जायेगा ।

कुरआन से दलील :-  पस अल्लाह के साथ किसी और को मत पुकारना वर्ना तू अज़ाब पाने वालों में से हो
                                  जायेगा । (सूरह शौरा सू. : आ.)

हदीस से दलील :-  जो मरा और अल्लाह के अलावा किसी शरीक को पुकारत था तो जहन्नम में दाखिल होगा।
                               (बुखारी)




                     16

सवाल :- क्या दुआ करना अल्लाह की इबादत हैं?

जवाब :-  हां दुआ करना अल्लाह की इबादत हैं?

कुरआन से दलील :- और तुम्हारे रब का यह फ़रमान है कि मुझसे दुआ करो मैं तुम्हारी दुआओं को कुबूल
                                  करुंगा । (सूरह गाफ़िर )

हदीस से दलील :-   दुआ ही इबादत हैं। (तिर्मिज़ी)

                        17

सवाल:-    क्या मुर्द्र हमारी पुकार और दुआऐं सुनते हैं?

जवाब :-    मुर्द्द उसे नहीं सुनते।

कुरआन से दलील :- बेशक आप मुर्दों को नहीं सुना सकते। (सूरह नमल सू. : आ. 80)

हदीस से दलील :-   बेशक अल्लाह के कुछ फ़रिश्ते ज़मीन में घूमते फ़िरते हैं जो मुझ तक मेरी उम्मत का
                                सलाम पहुंचाते हैं। (अहमद)

                       18

सवाल :-  क्या हम मुर्दों या गायब ज़िन्दों से कोई मांग या फ़रियाद कर सकते हैं?

जवाब :-  मुर्दों से नहीं बल्कि अल्लाह तआला से मांग व फ़रियाद कीजिये जो हमेशा ज़िन्दा रहने वाला हैं ।

कुरआन से दलील :- जब तुम अपने रब से मांग व फ़रियाद कर रहे थे तो उसने तुम्हारी मांग व फ़रियाद पूरी
                                  की । (सूरह इन्फ़ाल)

हदीस से दलील :-  ऐ हमेशा ज़िन्दा रहने वाले मैं तेरी रहमत के वास्ते से मांग व फ़रियाद करता हूं।
                              (तिर्मिज़ी)

                     19

सवाल :-  क्या गैर अल्लाह से मदद मांगना जाइज़ हैं?

जवाब :-  मदद मांगना सिर्फ़ अल्लाह से जाइज़ है।

कुरआन से दलील :- हम सिर्फ़ तेरी ही इबादत करते हैं और तुझ से ही मदद मांगते है |
                                  ( सूरह फ़ातिहा सू. 1 : आ. 5)

हदीस से दलील :- जब मांगो तो अल्लाह ही से मांगो और जब मदद चाहो तो अल्लाह ही से मदद चाहो।
                              (तिर्मिज़ी)

                     20

सवाल :- क्या हाज़िर और ज़िन्दा इन्सानों से मदद मांगना जाइज़ है?

जवाब :- हां उन कामों में उनसे मदद मांग सकते हैं जिसको वह करने की ताकत रखते हैं?

कुरआन से दलील :- नेकी और परहेज़गारी में एक-दुसरे की मदद करते रहो। (सूरह मायदा सू. 5  : आ. 2)

हदीस से दलील :-   और अल्लाह बन्दे की मदद में रहता है जब तक बन्दा अपने भाई की मदद में होता है।
                               (मुस्लिम)

                     21

सवाल :-  क्या गैर अल्लाह के लिये नज़र व नियाज़ मानना जाइज़ है?

जवाब :- नज़र व नियाज़ सिर्फ़ अल्लाह के लिये जाइज़ है और किसी के लिये नहीं।

कुरआन से दलील :-  ऐ मेरे रब! जो कुछ मेरे पेट में है उसे मैंने तेरे नाम आज़ाद करने की नज़र मानी है।
                                   (सूरह आले इमरान सू. 3 : आ. 35)

हदीस से दलील :- जिसने अल्लाह की इताअत की नज़र मानी तो वह अल्लाह की इताअत करे और जिसने
                              अल्लाह की नाफ़रमानी की नज़र मानी तो वह उसकी नाफ़रमानी न करे। (बुखारी)

           22

सवाल :-  गैर अल्लाह के लिये जानवर ज़िबह करने का क्या हुक्म है?

जवाब :-  गैर अल्लाह के लिये जानवर ज़िबह करना शिर्क है।

कुरआन से दलील :- लिहाज़ा अपने रब के लिये नमाज़ पढ और कुरबानी कर। (सूरह कौसर सू. 108 : आ. 2)

हदीस से दलील :-  अल्लाह तआला की लानत हो उस पर जो गैंर अल्लाह के लिये ज़िबह करे। (मुस्लिम)



क्रमश: अगले भाग में जारी

अल्लाह हमें और आपको कुरआन, हदीस पढने, समझने और उस पर अमल करने की तौफ़ीफ़ अता फ़रमायें|

आमीन, सुम्मा आमीन 




अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!

"इस्लाम और कुरआन"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

आपको लेख कैसा लगा:- जानकारी पूरी थी या अधुरी?? पढकर अच्छा लगा या मन आहत हो गया?? आपकी टिप्पणी का इन्तिज़ार है....इससे आपके विचार दुसरों तक पहुंचते है तथा मेरा हौसला बढता है....

अगर दिल में कोई सवाल है तो पुछ लीजिये....

टिप्पणी प्रकाशन में कोई परेशानी है तो यहां क्लिक करें..

Related Posts with Thumbnails