1.
सवाल :- अल्लाह तआला ने हमें किस लिये पैदा किया है ?
जवाब :- अल्लाह ने हमें सिर्फ़ अपनी इबादत के लिये पैदा किया है।
कुरआन से दलील :- मैंने इंसानों और जिन्नातों को सिर्फ़ अपनी इबादत के लिये पैदा किया है । (सूरह
अज़्ज़ारियात सु. 51 : आ. 56 )
हदीस से दलील :- बन्दों पर अल्लाह तआला का हक यह है कि वह उसकी इबादत करें और उसके साथ
किसी को शरीक न करें । (मुत्तफ़क अलैह)
2.
सवाल :- हम अल्लाह की इबादत किस तरह करें ?
जवाब :- अल्लाह और उसके रसूल के फ़रमान के मुताबिक खुलूस के साथ ।
कुरआन से दलील :- और उनको यही हुक्म किया गया कि (कुफ़्र-शिर्क छोड कर) एक रुख होकर अल्लाह
ही की मुख्लिसाना इबादत किया करें और नमाज़ पढें और ज़कात अदा करें । (हमारे नज़दीक) दीने-कय्यिम (मुहकम तरीका) यह हैं । (सूरह बय्यि न: सु. 98 : आ. 5 )
हदीस से दलील :- जिसने कोई ऎसा काम किया जो हमने नहीं किया वह मरदूद है। (मुस्लिम)
3.
सवाल :- क्या हम अल्लाह की इबादत डर और लालच के साथ करते हैं?
जवाब :- हां! हम अल्लाह की इबादत डर और लालच के साथ करते हैं।
कुरआन से दलींल :- और पुकारों उसको खौफ़ और लालच के साथ। (सुरह अआराफ़ सु. 7 : आ. 56)
हदीस से दलील :- मैं अल्लाह से जन्नत का सवाल करता हूं और जहन्नम से पनाह मांगता हूं।
(अबूदाऊद)
4.
सवाल :- इबादत में एहसान का क्या मतलब है?
जवाब :- एहसान कहते हैं इबादत में अल्लाह की निगरानी की पूरी सोच और यकीन को।
कुरआन से दलील :- बेशक अल्लाह तुम्हारा निगहबान है। (सूरह निसा सू. 4 : आ. 1)
हदीस से दलील :- एह्सान यह है कि तुम अल्लाह की इबाद्त इस तरह करो जैसे तुम उसे देख रहे हो
और अगर तुम नहीं देखते तो वह तुम्हे देख रहा है। (मुस्लिम)
क्रमश: अगले भाग में जारी
अल्लाह हमें और आपको कुरआन, हदीस पढने, समझने और उस पर अमल करने की तौफ़ीफ़ अता फ़रमायें|
आमीन, सुम्मा आमीन
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इस्लामी शरीयत के हिसाब से नेत्र दान कर सकते हैं या नहीं
जवाब देंहटाएंSubhana rabbiyaala ka mining kiya he
जवाब देंहटाएंSubhana rabbiyaala ka mining kiya he
जवाब देंहटाएंफ़र्ज़ वित्र और सुन्नते मुअक्किदा में तशह्हुद के बाद दरूद शरीफ और दुआ पड़नी चाहिए या नही
जवाब देंहटाएंकबुतर को दाना डालने के बारे में क्या फजिलत है?
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