सोमवार, 25 मई 2009

इस्लाम और कुरआन ब्लॉग मे आपका स्वागत है....

सारे ब्लॉगर भाइयों से दिल से आदाब,

मैंने आज से नौ महीने पहले इस ब्लॉग को बनाया था सोचा था की दुनिया में इस्लाम की धूमिल हो चुकी छवि को मैं शायद कुछ सुधार सकूं,  घर पर लगे इन्टरनेट कनेक्शन के दम पर यह सोचा था लेकिन वो ही ठीक से काम नहीं कर रहा था...
लेकिन अब जाकर इसने काम करना शुरू किया है और इन्शालाह यहाँ पर आप जो भी सवाल पूछेंगे इस्लाम को लेकर उसका सही - सही जवाब कुरआन और हदीस की रौशनी में मैं देने की पूरी कोशिश करूंगा...

मैंने ये ब्लॉग इसलिए बनाया है की लोगो के दिल मे जो गंदगी पैदा हो गई इस्लाम के लिए....वो भी कुछ मुसलमानों की हरकतों की वजह से उस गंदगी को थोड़ा सा हटाने के लिए और सबको ये बताने के लिए की इस्लाम वो नही है जो यह लोग कहते है...जिहाद यह नही है जो यह कहते है और जिहाद के नाम पर अपने बुरे मंसूबो को अंजाम देते है....
इस्लाम किसी को मारने की इजाज़त नही देता है, इंसान की मारना तो बहुत दूर की बात है...इस्लाम मे बेवजह, सिर्फ़ शौक पुरा करने के लिए किसी जानवर को मारना भी मना है॥

इसका अंग्रेजी वर्जन भी मैंने बनाया है उसे भी आप देख सकते हैं....

आपका अपना

काशिफ आरिफ

15 टिप्‍पणियां:

  1. kyun na ham sab mil kar ek manch tayyar karen jiske zariye kuchh kiya ja sake

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  2. आरिफ भाई हम आपके साथ हैं चंद लोगों के कारण सारी कौम तो दोशी नहीं होती फिर हर कौम मे कुछ लोग किसी मे कम किसी मे अधिक ऐसे होते हैं जिनके कारण उस कौम को शर्मिन्दा होना पडता है कोई हर धर्म का मकसद तो एक है इन्सानियत और ऐसा सोचने वाले सभी इन्सान एक हैं शुभकामनाय आभार्

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  3. काशिफ साहब

    सोच-समझकर कुछ लिखियेगा ! कहीं ऐसा न हो कि आपके खिलाफ भी कोई फ़तवा जारी हो जाए ! हर इंसान सलमान रश्दी जैसा भाग्यशाली नहीं होता ! आपको यह तो मालूम ही होगा कि इस्लाम में मजहब सम्बन्धी तर्क-वितर्क करने की मनाही है !

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  4. pyare bhai, aap ek nek kaam kar rahe hain aur is nek aur pavitra kaam me ishwer aapki madad karega........aisa mujhe bhrosa hai
    aao aitmaad ki baat karen
    aao ittehaad ki baat karen
    WISH YOU ALL THE BEST

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  5. कासिफ भाई,
    बहुत अच्छी कोशिश है आपकी | हम जैसों को अच्छा मौका मिल रहा है आपके मज़हब को समझने का, और इससे शायद ये दूरियां कम हो जाएँगी | रास्ता मुश्किल होगा, लेकिन हिम्मत रखियेगा, ऊपरवाला आपके साथ है |
    स्वप्न मंजूषा

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  6. कोशिश तो बेजोड़ है अच्छा लगा प्रयास।
    बदलेंगे हालात भी मन में हो विश्वास।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  7. काशिफ़ भाई,
    आपके इस प्रयास के लिये हमारी शुभकामनायें। मेरी समझ से इस्लाम के सामने चुनौती पुरातनपन्थी(क़दामतपसन्द) विचारधाराओं की वजह से है। शान्ति का उद्घोष करने वाला यह मज़हब आज अशांति का बाइस बना हुआ है। इस्लाम को शान्तिपूर्ण सह‍अस्तित्व के बारे में भी सोचना चाहिये। प्रसार अधिक उसे अपनी नीव मज़बूत करने के बारे में सोचना ज्यादा जरूरी है। अच्छाई दिखेगी तो लोग स्वयं आकृष्ट होंगे। मेरा मानना है कि भारत में इस्लाम का स्वरूप अन्य देशों के मुक़ाबले में अधिक सहिष्णु है।
    सादर

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  8. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  9. …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  10. चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है लिखते रहीये हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  11. बहुत कम लोग होते हैं, जो इस तरह निकलने की हिमाकत कर पाते हैं...जाहिर आपकी नीयत ठीक है...

    आपके इस काम की बेहद जरूरत है..

    सुस्वागतम्...

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  12. आप सबका बहुत - बहुत शुक्रिया मेरी हिम्मत बढाने के लिये,

    इन्शाल्लाह मै आप सब्की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा

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  13. भाई में भी आपके साथ हूँ, मैं इस ब्‍लाग का पहला अनुसरणकर्ता भी हूँ, क़ुरआन यूनीकोड पर मैं भी काम कर रहा हूँ, अकेले ही जन्‍नत जाने का प्रोग्राम ना बनायें,
    परसों अन्तिम अवतार antimawtar dot blogspot dot com ब्‍लाग शुरू किया है, जिसपर मौजूद युनीकोड पुस्‍तक 'नराशंस और अंतिम ऋष‍ि'(ऐतिहासिक शोध)से हज़रत मुहम्‍मद सल्‍ल. ईसाई, बोद्ध् , हिन्‍दू, प्राणनाथी सम्‍प्रदाय, जैन और मूसा (यहूदी) धर्म के भी अन्तिम अवतार साबित होते हैं, आगे भी इस पर देने को मेरे पास और भी बहुत कुछ है, फुर्सत मिले तो देख आओ,
    भाई इस्‍लाम और क़ुरआन पर कोई सवाल करे या आप जवाब दें तो मुझे भी खबर किजिये,आख्रिर मुझ पापी को भी तो स्‍वर्ग मैं जाने के लिये कुछ करना है, albedar ब्‍लाग क मई की पोस्‍ट में 'मोहम्मद उमर कैरानवी के नाम' नामक पोस्‍ट में मेरे आपके कामेंट मामले में आपका शुक्रगुजार भी हूँ,
    आपका अपना
    عمر کیرانوی

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  14. भाई
    बहुत ही सार्थक कदम ,
    धन्यवाद

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आपको लेख कैसा लगा:- जानकारी पूरी थी या अधुरी?? पढकर अच्छा लगा या मन आहत हो गया?? आपकी टिप्पणी का इन्तिज़ार है....इससे आपके विचार दुसरों तक पहुंचते है तथा मेरा हौसला बढता है....

अगर दिल में कोई सवाल है तो पुछ लीजिये....

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