सोमवार, 24 अगस्त 2009

786 का अर्थ "बिस्मिल्लाह" नही है.... 786 Does Not Mean "Bismillah". Myth Of 786.

(नोट :- सबसे पहले मैं अपने रेगुलर -मेल रीडर से माफ़ी चाहता हूं की मैं एक महीने से कोई लेख नही लिख सका। बिजली की कमी और दुसरे कामों की वजह से मैं लिख नही सका। रमज़ान के इस पाक महीने मेरे सारे लेख मुसलमानों के बीच रमज़ान को लेकर फ़ैली गलतफ़हमियों को दुर करने पर केंन्द्रित रहेंगे)


मुसलमानों के बीच में ये आम धारणा है कि "बिस्मिल्लाह" के बदले हम 786 लिख सकते है और दोनो के मायने एक ही है। ये धारणा दुनिया में सबसे ज़्यादा हिन्दुस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार तथा बांग्लादेश में ज़्यादा है। यहां पर बहुत आम तौर पर दुकानों, घरों की दीवारों तथा दरवाज़ों पर आपको "७८६" लिखा मिल जायेगा, बच्चों की किताबों, इम्तिहान की कापी पर लिखा मिल जायेगा। बहुत से मुसलमान "७८६" को तावीज़ के तौर पर गले मे पहनते हैं और इन तीन अंको को शुभ मानते है।



इस विषय पर आप किसी अगर बात करेंगे तो हर शख्स की अलग राय होगी।

पहला तर्क :-

कुछ लोग कहते है की अल्लाह के रसुल सल्लाहो अलैहि वस्सलम (PBUH) ७८६ ईंसंवी में मक्का से निकल कर मदीना गये थे तो इस्लाम मक्का से निकल कर बाहर फ़ैला था इसलिये "७८६" का मतलब "बिस्मिल्लाह" है लेकिन ये सही नही है क्यौंकी अल्लाह के रसुल सल्लाहो अलैहि वस्सलम के आने पहले भी बहुत से नबी और पैगम्बर दुनिया में उतारे जा चुके थे जिन्होने इस्लाम को फ़ैलाया था।

दुसरा तर्क :-

कुछ लोग "७८६" को "बिस्मिल्लाह" के तौर पर इसलिये इस्तेमाल करते है की अरबी में "बिस्मिलाहे रहमान निर्रहीम" के अक्षरों का जोड "७८६" होता है।



लेकिन पवित्र कुरआन में अल्लाह ने साफ़ कह दिया है

सुरह हामीम सज्दा सु. ४१ : . "यह ऎसी किताब है कि इसके अहकाम खोल-खोल कर बयान किये गये है, इसका नाम कुरआने अरबी है उन लोगो के लिये जो इल्म रखते हैं"

सुरह ज़ुखरुफ़ सु. ४३ : . "हम ही ने इसको अरबी भाषा में (लौहे-महफ़ुज़ पर) लिखा है ताकि तुम (इसे) समझों"

सुरह नहल सु. १६ : . १०३ "हम (अल्लाह) जानते हैं जो ये लोग कहते है कि इस (रसुल) को एक आदमी (कुरआन) सिखाता है (झक मारते है। इतना भी नहीं सोचते कि) जिस शख्स की निस्बत उन को बदगुमानी है उस की ज़बान तो अज़मी है (और अरबी साफ़ उसे आती नही) और यह कुरआन तो साफ़ अरबी ज़बान है"

ये आयतें तो सिर्फ़ एक नमुना है ऎसी बहुत सी आयते कुरआन में मौजुद है। इन आयतों से साफ़ पता चलता है कुरआन को पढने का बेहतर, अव्वल और सुन्नत तरीका उसको अरबी में पढने का है।

क्या "७८६" "बिस्मिल्लाह" के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है?

"७८६" को बिस्मिल्लाह के बदले इस्तेमाल करना बहुत पहले शुरू कर दिया गया था और इसको बहुत तेज़ी से लोगो ने अपनी ज़िन्दगी में शामिल कर लिया और "कुछ पढे-लिखे कथित मुल्लाओं" ने इसे "सही और अच्छा" रास्ता बताया अल्लाह कि रहमत और बरकत अपने ऊपर और अपने सामान के ऊपर लाने का और फिर लोगो ने इन तीन अक्षरों को अपने घरों, दफ़तरों, दुकानों पर "बिस्मिल्लाह" के बदले इस्तेमाल करना शुरु कर दिया। पर क्या इन तीन अक्षरों को कुरआन में इस्तेमाल कर सकते हो? क्या सुरह फ़ातिहा के ऊपर से "बिस्मिललाहे-रहमान-निर्रहीम" हटा कर "७८६" लिख देना चाहिये?

हरगिज़ नही...
कुरआन में आयतों की जगह कोई चीज़ नही ले सकती है....हुज़ुर सल्लाहो अलैहि वस्सलम(PBUH) ने अपनी ज़िन्दगी में क्या करना और क्या नही करना है वो सब कुछ बताया है और वो सब बातें कुरआन और सही हदीस के तौर पर हमारे सामने मौजुद हैं, कुरआन और किसी भी हदीस में इसका ज़िक्र नही है कि कुरआन में आयत के बदले अंकों को लिखा जा सकता है।

इस लिहाज़ से जो लोग "७८६" का इस्तेमाल करते है और सोचते है की अल्लाह कि रहमत उन पर बरसेगी तो वो गलत सोचते है, वो भटके हुये है और उन्हे सही राह कि ज़रुरत है।


अल्लाह आप सबको कुरआन और हदीस को पढकर, सुनकर, उसको समझने की और उस पर अमल करने की तौफ़िक अता फ़र्मायें।

आमीन, सुम्मा आमीन







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14 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा आपने भाई ७८६ का कोई इस्लामिक महत्त्व नहीं है.........

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  2. बिल्कुल सही कहा आपने इसका कोई सबुत नही है.........

    अभी कुछ दिनों पहले मैरी एक शख्स से बहस हुई थी तब मेरे पास जवाब देने के लिये कोई सबुत नही था लेकिन अब है आपका बहुत बहुत शुक्रिया

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  3. 786 मतलब हरेकृष्ण
    एक सच्चे मूसलमान 786 से दूर रहे
    यह मुसलमान को मुशरिक बानाने का गैर मुस्लिमों की एक सूची सोमजी बहुत पुरानी चाल है

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  4. 786ka samabandh tridv se h 786 7 ank bramha 8ank visnu ank jyotish ke anusar 786 ke anko ka jod 21 h 21 ke anko ka jod 3 h jiska samabandh mahadev se h

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. Bhai 1 sawal hai ye post apne kis kitab se padhkar likhi h
    Qk bachpan se ajtak 786 ko barkat wale no manti aai hu.or agar apki baat pr amal karkr apne blog me kuch likhti hu to log daleel magenge to me unse Kya bolu plz bataiye.
    https://islamicnelofarazhari.com

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  7. Plz jawab zaroor dijiyega me wait karungi .
    https://islamicnelofarazhari.com

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  8. Mai kisi dharm ki aalochna nahi karta. Bas .786. ka malab Kaya hai.mai ek artist hu. Bina usaki sachchai jane kisi bhi dharm ke baare me mai nahi bolta.

    Sorry mujhe kisi ne bataya hai. Ki mo. Jab 86. Saal ke the.to begam aayaa. 7 saal ki thi. Is wazah se .7 aur 86. Ko milakar 786. Bana. Jo ishlaam me badi izat ke saath ise apanaya jata hai.

    Maine pahle hi sorry bola hai. Leki meri gujarish hai mujhe sahi jawab mile .thanks.

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