कुछ हिन्दु इसे पितरों की ईद कहते है....पढे ये लेख...
अकसर लोग सवाल करते है की फ़ितरा कितना देना चाहिये?? फ़ितरा कब निकालना चाहिये?? फ़ितरा किस-किस पर फ़र्ज़ है???
फ़ितरा क्या है??
फ़ितरा रमज़ान के रोज़े पुरे होने के बाद यानि ईद का चांद दिखने के बाद दिया जाता है। ये एक तरह का सदका (दान) है जो हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है चाहे वो बच्चा हो, बुढा हो, औरत हो या लडकी हो। हर मुसलमान को हर हाल में फ़ितरा देना चाहिये।
फ़ितरा कब निकालना चाहिये???
फ़ितरा ईद का चांद दिखने के बाद निकालना चाहिये। इसको निकालने का सबसे अव्वल वक्त जो हदीसों में बताया है वो ये है की "फ़ितरा ईद का चांद दिखने से तुलुहे-फ़ज़र (यानि फ़जर का वक्त खत्म होने) तक है।" इसके बाद दिया गया फ़ितरा आम सदके के तौर पर देखा जाता है। तो सबसे बेहतर है की आप फ़ितरा ईद का चांद दिखने के बाद दे देना चाहिये यही सबसे अव्वल है।
फ़ितरा कितना और क्या देना चाहिये???
फ़ितरा कितना देना चाहिये?? ह्दीसों इसकी मात्रा के ज़िक्र में एक अल्फ़ाज़ "स" का इस्तेमाल किया गया है। असल में ये "स" लोहे के एक बर्तन को कहा जाता था जिसमें पहले अरब की औरतें खाना बनाते वक्त चावल या गेंहू नापा करती थी। आज भी हिन्दुस्तान के कुछ गावों में अब भी इसका इस्तेमाल होता है इसे हिन्दुस्तान में "साई" कहा जाता है। पहले इसका नाप लगभग "ढाई किलो" होता था अब वो सिर्फ़ एक किलो का रह गया है। तो फ़ितरे का सही नाप है "ढाई किलों"!
फ़ितरे में क्या देना चाहिये???
फ़ितरे में अनाज देना चाहिये वो अनाज जो आप खाते है, गेंहू, चावल, दाल वगैरह। कुछ लोग इसके बदले पैसा दे देते है लेकिन सबसे अव्वल अनाज है और अनाज वो ही होना चाहिये जो आप खाते है। ये नही की आप तो २० रुपये किलो का गेंहूं इस्तेमाल करते है और फ़ितरे में आप १५ रुपये किलो का गेंहूं दे दें, ये सरासर गलत है!
आपको वही अनाज देना होगा जो आप खुद खाते है..!!!!!
(नोट :- ये लेख पुरा होते-होते ईद के चांद की खुशखबरी आ गयी है...आप सब लोगों को तहे दिल से ईद की मुबारकबाद )
अल्लाह तआला हम सबको कुरआन और हदीस को पढकर, सुनकर, उसको समझने की और उस पर अमल करने की तौफ़िक अता फ़र्मायें।
आमीन,
सुम्मा आमीन
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जानकारी का आभार.
जवाब देंहटाएंईद मुबारक!!
इस दान की जानकारी उचित समय पर देने पर बधाई, जकात अर्थात अनिवार्य दान वाले मामले में और मेरी बीवी ने अपनी अपनी मामूली जमा पूंजी का चालिसवां अर्थात 2.5 प्रतिशत अदा कर दिया,अल्लाह कबूल फरमाये, जकात वेसे तो साल में कभी भी दे सकते हैं मगर मुझे रमजान में देना अधिक पसंद है,
जवाब देंहटाएंईद मुबारक !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट है... ईद बहुत-बहुत मुबारक हो...
जवाब देंहटाएंज़कात और फ़ितरा में अंतर क्या है. यदि इस बारे में विस्तार से बात सकें तो बहुत शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंpls send on my mail- ms.aamin@gmail.com
Very good
जवाब देंहटाएंVery good Bhahi Jan
जवाब देंहटाएंVery good Bhahi Jan
जवाब देंहटाएंSubhan Allah
जवाब देंहटाएंAre bhai deeni masail ke liye to kam se kam Urdu alfaz ka istemal apne a Tahir mein karna chahiye,
जवाब देंहटाएंजकात और फ़ितरा में अंतर को लेके बड़ा confusion में हूँ हो सके तो आप email पर अंतर सेंड कर दीजियेगा brijkishorbk5123@gmail.com
जवाब देंहटाएं🌈⭐💯💯💯⭐
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